IPL 2025 में शतक लगाने वाले 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी कौन है | Who is 14 years old Vaibhav Suryawanshi

IPL 2025 में शतक लगाने वाले 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी कौन है :- अपने तीसरे आईपीएल मैच में ही शतक लगाने वाले 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी कौन है और कहा से है कैसे खेलना प्रारंभ किए सबकुछ इस लेख में बताया जाएगा

14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी कौन है | Who is Vaibhav Suryawanshi

14 साल का क्रिकेट सितारा जिसने देश और दुनिया को चौंका दिया

भारत की धरती में प्रतिभा छुपी हुई है, और समय आने पर ऐसे सितारे उभरते हैं जो कम उम्र में ही अपने हुनर से दुनिया को चौंका देते हैं। ऐसे ही एक चमकते सितारे वैभव सूर्यवंशी है जो 14 साल की उम्र में जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं, वह हर युवा के लिए प्रेरणास्रोत हैं

14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी कौन है और कहां के हैं :-

वैभव बिहार के पटना जिले के एक छोटे से गांव से आते हैं। उनके पिता एक सुलभ शौचालय ऑपरेटर हैं, लेकिन उन्होंने अपने बेटे के क्रिकेट के सपने को साकार करने में कभी पीछे नहीं हटे। सीमित संसाधनों में वैभव ने क्रिकेट की बारीकियां सीखी और दिन-रात मेहनत की। जो आज क्रिकेट ग्राउंड पर देखने को मिल रही है|

रिकॉर्ड उम्र में रणजी ट्रॉफी डेब्यू :-

सूर्यवंशी ने 2024 में रणजी ट्रॉफी में बिहार की ओर से डेब्यू किया। उस समय उनकी उम्र थी केवल 12 साल और 284 दिन, जिससे वह भारत के चौथे सबसे युवा प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बन गए। मैदान पर उनकी समझदारी, बल्लेबाजी की तकनीक और आत्मविश्वास ने सभी का दिल जीत लिया|

IPL में धमाकेदार शुरुआत :-

वैभव सूर्यवंशी को 2025 में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें टीम में शामिल किया, ये बहुत ही कम उम्र के है इसलिए क्रिकेट जगत की नजरें उन पर टिक गईं। और वैभव ने अपनी काबिलियत को दिखाते हुए पहले ही IPL मैच में पहली गेंद पर छक्का जड़ा। उन्होंने मात्र 20 गेंदों में 34 रन बनाए और अपने आक्रामक खेल से दर्शकों का दिल जीत लिया। उसके बाद अपने तीसरे मैच में ही 35 बाल पर एक शानदार शतक जड़ दिए | जिसमें इन्होंने 11 छक्के और 7 चौके लगाए |

वैभव की खासियत :-

  • वैभव में उम्र से परे मानसिक मजबूती दिखती है|
  • मैदान पर पूरी गंभीरता और अनुशासन से खेलते हैं|
  • कठिन हालातों से लड़कर आगे बढ़ने की ताक़त इनमें दिखती है।

भविष्य की ओर :-

वैभव सूर्यवंशी की कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की नहीं, बल्कि सपनों को सच करने की प्रेरणादायक यात्रा है। भारत को उनसे न केवल अच्छे खेल की, बल्कि नई उम्मीद की भी आस है। यदि वे इसी तरह की पारियां खेलते रहे और मेहनत करते रहें, तो आने वाले समय में ये भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन सकते हैं।

निष्कर्ष: वैभव सूर्यवंशी की यह मेहनत साबित करती हैं कि उम्र कभी प्रतिभा की सीमा नहीं बन सकती। संघर्ष, मेहनत और जुनून से हर सपना साकार किया जा सकता है।

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